प्रातःकाल का शहर (City of Dawn) कहा जाने वाला ऑरोविल (Auroville), पुडुचेरी में स्थित है। यह पुडुचेरी के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। ऑरोविल का अर्थ एक वैश्विक शहर है, जहां विभिन्न देशों के लोग सांस्कृतिक सद्भाव के साथ जीते हैं। ऑरोविल में रहने वाले 2,000 से अधिक लोगों में दो तिहाई लोग गैर-भारतीय (Non Indians) हैं। इस शहर को श्री अरविंदो सोसायटी के एक प्रोजेक्ट के अंतर्गत बसाया गया है। इसमें एक शहर की तरह बाग़-बगीचे, औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, सांस्कृतिक क्षेत्र आदि देखने को मिलेंगे। फ्रांसीसी वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण 'मातृमंदिर' (Matrimandir) यहां का मुख्य आकर्षण है, जो अपनी एकता और भव्यता के कारण पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है।
ऑरोविल की स्थापना सन 1968 में मीरा अल्फासा (Mirra Alfassa) ने श्री अरबिंदो सोसायटी के एक प्रोजेक्ट के रूप में की थी, जिसकी रूपरेखा वास्तुकार रोजर ऐंगर (Roger Anger) ने तैयार की। मीरा अल्फासा, श्री अरबिंदो (Sri Aurobindo) की आध्यात्मिक सहयोगी थी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने ऑरोविल प्रोजेक्ट को, विभिन्न संस्कृतियों के बीच तालमेल, आध्यात्मिक विकास और पर्यावरण की जरूरत को समझने के लिए एक रोमांचक परियोजना बताया था।
साल 1968 को ऑरोविल के उद्घाटन समारोह के दौरान, 124 देशों की मिट्टी को एक कमल के आकार के कलश में रखा गया, जिसे सार्वभौमिक एकता का प्रतीक माना गया था। यह कलश मंदिर के बगीचे में एम्फीथिएटर (Amphitheatre) के केंद्र में स्थित है।
ऑरोविल मातृमंदिर, सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और दोपहर 2 बजे शाम 4:30 बजे तक खुलता है
रविवार को मातृमंदिर सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक खुलता है
पर्यटकों को यहां प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है
पूछताछ केंद्र यानि ऑरोविल विजिटर्स सेंटर सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुलता है
यहां के अच्छे यादगार पलों को संजोकर रखने के लिए कैमरा ले जाना न भूलें