कई छोटी-बड़ी झीलों के कारण भोपाल को झीलों का शहर भी कहा जाता है। इस शहर का नाम एक अन्य राजा भूपाल के नाम पर पड़ा। यह शहर अचानक सुर्ख़ियों मे तब आया जब 1984 में अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव से लगभग बीस हजार लोग मारे गये थे। भोपाल गैस कांड का कुप्रभाव आज भी देखने को मिलता है।
राजा भोज हवाई अड्डा शहर से 12 किमी की दूरी पर है। घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में प्रयुक्त इस हवाई अड्डा द्वारा भोपाल पहुंचा जा सकता है। शताब्दी एक्सप्रेस भोपाल को दिल्ली से सीधा जोडती है, जिसके द्वारा आप भोपाल जा सकते हैं। साथ ही, बस से भी सफ़र करके भोपाल पहुंचा जा सकता है जो नियमित रुप से चलती रहती हैं।
भोपाल की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय नवम्बर से फरवरी के बीच है।