राधा-कृष्ण के निर्मल प्रेम की छवि को दर्शाता है, वृंदावन का प्रेम मंदिर (Prem Mandir of Vrindavan)। चार द्वार वाला यह प्रेम मंदिर सबको समान मानते हुए दिव्य प्रेम का संदेश देता है। राधा- कृष्ण की लुभावन झांकियां, बगीचों के बीच बने फव्वारे, भगवान कृष्ण की गोवर्धन लीला, कालिया नाग के फन पर नृत्य करके कृष्ण भगवान, झूले पर झूलते हुए राधा- कृष्ण की छवियों को देखते ही मन आनंदित हो उठता है। 54 एकड़ में बने प्रेम मंदिर की ऊँचाई 125 फुट, लम्बाई 122 फुट और चौड़ाई 115 फुट है। संगमरमर से बने इस मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वारों पर मोर की सुंदर आकृतियां बनी हुई हैं और इसकी दीवारों पर राधा-कृष्ण की प्रेम लीलाओं को बड़ी बारीकी से उकेरा गया है।
संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का निर्माण कार्य, कृपालु महाराज ने वर्ष 2001 में शुरु करवाया था, ये वर्ष 2012 में बनकर तैयार हुआ। इसके बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।
राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आए करीब 1000 शिल्पकार श्रमिकों की मेहनत से 11 वर्षों में बनकर तैयार हुआ है राधा- कृष्ण की प्रेम लीलाओं को दिखाता यह प्रेम मंदिर।
प्रेम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है
मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5.30 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक और शाम 4.30 बजे से लेकर 8.30 बजे तक है
श्रीकृष्ण आरती की गूंज और मंदिर की जगमगाहट का आनंद एक साथ लेना हो, तो शाम के समय मंदिर में दर्शन के लिए जाएं