प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर उत्तरकाशी शहर ऋषिकेश से लगभग 155 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस शरह में एक ओर जहाँ पहाड़ों के बीच बहती नदियाँ हैं तो दूसरी ओर घने जंगल। हिमालय की सुरम्य घाटी में उत्तरकाशी समुद्र तल से एक हज़ार 621 फुट की ऊँचाई पर है।
उत्तरकाशी अर्थात उत्तर का काशी (Kashi of North) कहे जाने वाले इस धार्मिक शहर की धरती को गंगोत्री-यमुनोत्री नदियाँ पवित्र करती हैं। प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ विश्वनाथ मंदिर, गंगोत्री मंदिर, यमुनोत्री, शक्ति मंदिर आदि के दर्शन कर स्वयं को धन्य करते हैं। पर्यटक यहाँ भगवान विश्वनाथ के प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन करने के साथ-साथ पहाड़ों पर चढ़ाई का रोमांच भी उठा सकते हैं।
उत्तरकाशी को प्राचीन समय में विश्वनाथ की नगरी कहा जाता था। कालांतर में इसे उत्तरकाशी कहा जाने लगा। केदारखंड और पुराणों में उत्तरकाशी के लिए 'बाडाहाट' शब्द का प्रयोग किया गया है। केदारखंड में ही बाडाहाट में विश्वनाथ मंदिर का उल्लेख मिलता है। पुराणों में इसे 'सौम्य काशी' भी कहा गया है।
राज्य- उत्तराखंड
स्थानीय भाषाएँ- हिंदी, गढ़वाली
स्थानीय परिवहन- बस, गाड़ी
खान-पान- उत्तरकाशी के अधिकांश रेस्टोरेंटों में शाकाहारी खाना मिलता है। यहाँ का प्रमुख भोजन झंगुरा, मंडुआ तथा भट्ट है।
हवाई मार्ग - By Flight
यहाँ सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट है। यहाँ से शहर की दूरी लगभग 180 किलोमीटर है, जहाँ से टैक्सी द्वारा आसानी से उत्तरकाशी पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग - By Train
देहरादून यहाँ का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। दिल्ली, मुंबई तथा जयपुर जैसे बड़े शहरों से यहाँ के लिए सीधी रेल सेवा है।
सड़क मार्ग - By Road
उत्तरकाशी सड़क मार्ग द्वारा देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हूआ है। दिल्ली के कश्मीरी गेट, देहरादून और ऋषिकेश से उत्तरकाशी के लिए बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
उत्तरकाशी की पावन धरती के दर्शन करने का उपयुक्त समय मार्च से जून व सितम्बर से नवम्बर है।