श्री भरत मंदिर (Shri Bharat Mandir), ऋषिकेश में स्थित सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। माना जाता है कि इस शहर का अस्तित्व इस मंदिर से जुड़ा हुआ है। 9वीं शताब्दी में बने इस मंदिर में भगवान विष्णुजी की ऐसी मूर्ति है "जो केवल एक शालिग्राम पत्थर (काले रंग का एक पत्थर) को काट कर बनाई है"। इसके अलावा पर्यटक यहाँ आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित श्रीयंत्र भी देख सकते हैं। साथ ही मंदिर में बहुत सी प्राचीन कलाकृतियों को भी सुरक्षित रखा गया है। मंदिर का मनोरम दृश्य पर्यटकों का मन मोह लेता है। अक्षय तृतीया (Akshya Tritiya) के अवसर पर यहां विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसमें दूर- दूर से लोग यहां भगवान विष्णु (Lord Shri Hrishikesh Naranyan) की प्रतिमा के चारों तरफ परिक्रमा करते हैं। माना जाता है कि इस दिन जो भी उनकी प्रतिमा की 108 परिक्रमा करता है उसकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है।
इस मंदिर का निर्माण आदि गुरू शंकराचार्य ने करवाया था। मंदिर का मूल स्वरूप वर्ष 1398 में क्षतिग्रस्त हो गया था।
अक्षय तृतीया के दिन ही भक्त भगवान के चरणों (foot) के दर्शन कर सकते हैं, अन्य दिनों में उनके चरण ढके रहते हैं।
त्रिवेणी घाट पर होने वाली गंगा आरती में जरुर शामिल हों
भरत मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है