हस्तनिर्मित वस्तुओं, ग्रामीण परंपरा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दीवानें हैं तो "दिल्ली हाट" आप ही के लिए है। जहाँ आप एक ही स्थान पर इन सभी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। इस बाज़ार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, रंगबिरंगे पारंपरिक कपड़े और स्वादिष्ट स्थानीय पकवानों की महक, आपकी यात्रा को यादगार बना देंगें।
देश के कई हिस्सों से कारीगर और शिल्पकार यहाँ अपनी कला की प्रदर्शनी करते हैं और पर्यटक सस्ते दामों में वस्तुओं को खरीद भी सकते हैं। जहाँ खरीदारी करने वालों के लिए हस्तशिल्प, प्राचीन वस्तुएँ, यूरोपीय फैशन की वस्तुएं, कम्बल-कालीन, चमड़े की वस्तुएं, रेशम, फर्नीचर, गहनें आदि विकल्प हैं तो वहीं खानें के शौकीनों के लिए भी यहाँ बहुत कुछ है जैसे- सिक्किम के मोमोज़, नागालैंड के बाम्बूज़ हॉट चिकन, जम्मू के कबाब, महाराष्ट्र की पूरनपोली और गुजराती ढोकले आदि।
सन् 1994 में दिल्ली हाट, आईएनए की नींव रखी गई थी। दिल्ली टूरिस्म, डी.सी हैंडीक्राफ्ट्स और हैंडलूम्स, एनडीएमसी, पर्यटन और कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक साथ मिलकर इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरूआत की गई थी। दिल्ली हाट, पीतमपुरा का निर्माण सन् 2008 में किया गया था और दिल्ली हाट, जनकुपरी सन् 2014 में शुरू हुआ था।
समय समय पर दिल्ली हाट के स्टॉल्स का आवंटन नए रूप से कारीगरों को दिया जाता है ताकि हर किसी को यहाँ आकर अपने कारोबार को फैलाने का मौका मिले। दिल्ली हाट जनकपुरी सांस्कृतिक प्रदर्शनियों और संगीत के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ बनी म्यूजिक लाइब्रेरी पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है।
लोकल और विदेशी यात्रियों के लिए यहाँ अलग-अलग एंट्री फीस नहीं है। वयस्कों के लिए 20 रूपए और बच्चों के लिए 10 रूपए प्रवेश शुल्क है।
दिल्ली हाट हफ्ते के सातों दिन सुबह के दस बजे से रात के दस बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
पर्यटक यहाँ नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ़ उठा सकते हैं।