दिगंबर जैन मंदिर दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित है। यह जैन धर्मावलंबियों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। दिगंबर जैन मंदिर को श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
दिगंबर जैन मंदिर का इतिहास - History of Digambar Jain Mandir in Hindi
दिगंबर जैन मंदिर का निर्माण तत्कालीन मुगल बादशाह शाहजहां के फौजी अफसर ने करवाया था। मान्यता है कि इसका निर्माण 1526 में हुआ थी। यह मंदिर लाल पत्थर से बना है जिसके कारण इसे लाल मंदिर भी कहते हैं। शुरूआत में इसे खेती के कूचे का मंदिर और लश्करी का मंदिर कहा जाता था।
1656 से पहले इस मंदिर के स्थान पर मुगल सैनिकों की छावनी हुआ करती थी। कहा जाता है कि सेना के एक जैन अधिकारी ने दर्शन के लिए यहां पर भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा रखी थी। सेना के दूसरे जैन अधिकारियों और सैनिकों को जब इसका पता चला तो वे भी श्रद्धाभाव से दर्शन के लिए आने लगे। धीरे-धीरे छोटे से मंदिर के रूप में यह जगह विकसित हुई और फिर बाद में 1935 में नवीनीकरण के द्वारा इस मंदिर को भव्य रूप दिया गया। इस नवीनीकरण में मंदिर में लाल दीवारों का निर्माण हुआ।
दिगंबर जैन मंदिर की मान्यता - Importance of Digambar Jain Mandir
बगैर पुजारी वाले इस मंदिर में पूजा करने का अपना एक विधान है। यहां श्रद्धालु स्वयं पूजा करते हैं। परंतु पूजा की सामग्री आदि मामलों में उन्हें सहयोग करने के लिए एक व्यक्ति अवश्य होता है, जिसे व्यास कहा जाता है। दिल्ली भारत की राजधानी है और इसलिए इस मंदिर का महत्त्व अपने आप ही बढ़ जाता है।