पुरातत्व संग्रहालय खजुराहो के बारे में जानकारी - Archaeological Museum Khajuraho in Hindi

पुरातत्व संग्रहालय खजुराहो के बारे में जानकारी - Archaeological Museum Khajuraho in Hindi

खजुराहो का पुरातत्व संग्रहालय, मातंगेश्वर मंदिर के पास स्थित है, जो महोबा से 54, छतरपुर से 45, और सतना से 105 की दूरी पर है। इस संग्रहालय में मुख्य रूप से पांच गैलरी हैं, जिनमें हिन्दू, बौद्ध तथा जैन धर्मों से संबंधित कई मूर्तियां या उनसे संबंधित अवशेष रखे गएं हैं। इस संग्रहालय की स्थापना खजुराहो के क्षतिग्रस्त मंदिरों की मूर्तियों और वास्तुकला के अवशेषों को सुरक्षित रखने के लिए हुई थी। पुरातत्व संग्रहालय में ऐतिहासिक प्रतिमाएं, चित्र, शिलालेख आदि देखे जा सकते हैं। यहां दो हजार से भी अधिक शिलालेख मौजूद हैं। वर्तमान में इस खुले संरचना वाले संग्रहालय का इस्तेमाल आरक्षित संग्रह के लिए किया जाता है, जिसके अहाते (Compound) में आम लोगों को जाने की अनुमति नहीं है।

पुरातत्व संग्रहालय का इतिहास - History of Archaeological Museum in Hindi

खजुराहो के पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना, सन 1910 में बुंदेलखंड के ब्रिटिश अधिकारी डब्‍ल्‍यू. ए. जार्डिन (W.A. Jardine) द्वारा, खजुराहो के क्षतिग्रस्त मंदिरों की मूर्तियों और वास्तुकला के अवशेषों को सुरक्षित रखने के लिए की गई थी, जिसे 'जार्डिन संग्रहालय' नाम से जाना जाता था। सन 1952 में यह संग्रहालय, भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण के अंतर्गत आया और इसका नाम बदल कर 'पुरातत्‍वीय संग्रहालय' कर दिया गया और सन 1967 में वर्तमान संग्रहालय स्थापित किया यानि कुछ बदलाव किए, जिन्हें आज भी देखा जा सकता है।

पुरातत्व संग्रहालय मे क्या देखे -

खजुराहो के पुरातत्व संग्रहालय में सबसे खास बात यह है कि यह एक खुली संरचना है यानि ऊपर से खुला हुआ है। इसके अलावा इस संग्रहालय में दो हजार से भी ज्यादा शिलालेख और चार सिर वाले विष्णु भगवान की प्रतिमा मौजूद है। यहां स्थित चतुर्मुख वाले भगवान विष्णु को बैकुंठ भी कहा जाता है।

पुरातत्व संग्रहालय सलाह -

  • संग्रहालय में अपने मोबाइल फोन को साइलेंट मोड पर रखें

  • किसी भी मूर्ति या अन्य अवशेषों को ना छुएं

  • किसी की वस्तु की फोटो लेने से पहले संबंधित अधिकारी से आज्ञा जरूर लें

  • बच्चों पर खास ध्यान दें, कहीं खेल -खेल में खुद को या संग्रहालय को नुकसान न पहुंचा लें

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