ऊपरकोट जूनागढ़ के बारे में जानकारी- Uparkot Fort Junagadh in hindi

ऊपरकोट जूनागढ़ के बारे में जानकारी- Uparkot Fort Junagadh in hindi

जूनागढ़ की ऐतिहासिक विरासत का सबसे बड़ा आकर्षण है उपरकोट किला। जूनागढ़ जाने वाले पर्यटक इस किले की खूबसूरती को देखे बिना नहीं रह पाते। चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल में बने इस किले की दीवारें किसी-किसी स्थान पर 20 मीटर तक ऊंची है। किले की दीवारों और छतों पर की गई नक्काशी आज भी सुरक्षित अवस्था में है। उपरकोट किले में इतिहासकारों और ऐतिहासिक चीजों को देखने वालों के लिए बहुत कुछ है। इस किले के पास 200ई.पूर्व से 200 ई. तक की बौद्ध गुफाएं भी हैं। किले के अंदर गणेश जी, हनुमान जी और देवी शक्ति के छोटे मंदिर भी हैं। हालांकि आज यह किला अपनी मूल छवि से बेहद अलग दिखता है। 

उपरकोट का इतिहास - History of Aparkot Fort in Hindi

लगभग 2300 साल पुराने उपरकोट किले का निर्माण महान मौर्य शासक चन्द्रगुप्त मौर्य ने कराया था। कई लोग यह भी मानते हैं कि यह किला भगवान कृष्ण से संबंधित हैं और इस किले का निर्माण यादवों ने द्वारिका आने पर करवाया था। इस किले की ऊंची दीवारों के साथ एक अनोखी चीज है और वह है दीवार के साथ अंदर की तरफ लगी 300 फीट से गहरी खाई। कहते हैं इस खाई में मगरमच्छ पाले जाते थे। इसका निर्माण इसलिए किया गया था ताकि अगर कोई दुश्मन दीवार फांद कर अंदर आ भी जाए तो किसी को नुकसान ना पहुंचा पाए। इस किले में दो कुएं भी हैं जिन्होंने पत्थरों को काट कर बनाया गया है। मान्यता है कि किले के पास मौजुद बौद्ध गुफाओं में बौद्ध भिक्षु रहा करते थे। 

उपरकोट मे क्या देखे -

इस किले में दो तोपें लगी हैं जिनका नाम नीलम और मेनक है। मिस्र में बनी इन तोपों को तुर्क सौराष्ट्र लेकर आए थे।

उपरकोट सलाह -

  • उपरकोट किला सुबह 07 बजे से लेकर शाम को 07 बजे तक खुला रहता है।

  • अंदर जाने के लिए पर्यटकों को प्रवेश शुल्क देना पड़ता है।

  • किले में सीढ़ियों पर चलते समय सावधानी रखें।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in