जम्मू-कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू (Jammu), आज़ादी से पहले डोगरा राजवंश के अधीन थी। यह शहर कभी भारत की बड़ी रियासतों में से एक था। आज़ादी के समय जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह थे जो अपने राज्य को हिंदुस्तान और पाकिस्तान से अलग रखना चाहते थे। राज्य की सुरक्षा के लिए महाराजा ने भारत के साथ समझौता कर लिया लेकिन पाकिस्तान के साथ लड़ाई में जम्मू-कश्मीर का कुछ हिस्सा दूसरे मुल्क के पास चला गया लेकिन आज भी दोनों देशों के बीच राज्य के कुछ हिस्से को लेकर मतभेद जारी है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, जम्मू मंदिरों का शहर है। यहां स्थित वैष्णो देवी मंदिर, शिव खोरी जैसे मंदिर प्राचीन समय से मौजूद हैं और पौराणिक कथाओं से संबंध रखते हैं। जम्मू शहर के पीछे बर्फ से ढकी हिमालय की पीर पंजाल पहाड़ियां (Pir Panjal Range) दिखती हैं। जम्मू के उत्तर में हिमालय की पहाड़ियां व दक्षिण में पंजाब के बंजर मैदान स्थित हैं। यह शहर राज्य में होने वाली सभी सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है।
वीर मार्ग, रघुनाथ बाजार और हरि मार्केट जम्मू शहर के मुख्य बाजार हैं। पर्यटक यहां से कश्मीरी शॉल, पश्मीना, गर्म कपड़े, कश्मीरी हैंडीक्राफ्ट प्रडक्ट्स, डोगरा ज्वेलरी, ड्राय फ्रूट्स, कार्पेट्स आदि खरीद सकते हैं।
पासपोर्ट, आईडी प्रूफ जैसे जरूरी दस्तावेज हमेशा अपने साथ रखें
शिकारा (Houseboat) बुक करने से पहले खाना-पीना, साफ़ सफाई जरूर देख लें
अगर पीक सीजन में यात्रा करने की योजना है तो होटल की बुकिंग पहले से ही करवा लें, अन्यथा होटल और शिकारा को स्वयं जांच कर ही बुक करें
हाई-हील्स की जगह शूज़, बूट्स आदि रखें
कथाओं के अनुसार, राजा जम्बू लोचन ने यह शहर तवी नदी के पास बसाया था। कहा जाता है कि, राजा जम्बू लोचन शिकार के लिए निकले थे और उन्होंने तवी नदी के किनारे तट पर शेर और बकरी को एकसाथ पानी पीते हुए देखा। यह देख वह आश्चर्यचकित हो उठे और उनके मंत्रियों ने उन्हें बताया कि तवी नदी के पास की धरती इतनी पवित्र है कि यहां एक जानवर दूसरे जानवर की हत्या भी नहीं कर सकता। प्रसन्न होकर राजा जम्बू ने अपनी राजधानी तवी नदी के पास बसाने का ही फैसला कर लिया जिसका नाम जम्बू (Jamboo) रखा गया, हालाँकि वक्त के साथ-साथ यह नाम बदलकर जम्मू बन गया।
राज्य- जम्मू-कश्मीर
स्थानीय भाषाएँ- हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू, डोगरी, कश्मीरी, पंजाबी
स्थानीय परिवहन- जीप, बस, बाइक
पहनावा- जम्मू में आदमी और औरत दोनों ही फिरन पहनते हैं। यह ढीला व गाऊन की तरह होता है जो गर्म कपड़े से बनता है और कपड़ों के ऊपर पहना जाता है। इसके अलावा यहां सलवार-कमीज़, कुर्ता-पजामा पहना जाता है।
खान-पान- जम्मू राज्य में लोग चावल खाना ज्यादा पसंद करते हैं। जहां जम्मू के डोगरा क्षेत्र में आपको शाकाहारी लोग मिलेंगे वहीं अन्य हिस्सों में मांसाहारी। यहां आमतौर पर हर खाने की डिश को चावल के साथ ही खाया जाता है। कश्मीरी पुलाव, मीठा भात, शीरी पुलाव, यख़नी पर्यटकों के बीच बेहद प्रसिद्ध है।
शिव खोरी त्यौहार - Shiv Khori Festival
महाशिवरात्रि की संध्या को शिव खोरी गुफा में यह त्यौहार मनाया जाता है। हज़ारों-लाखों श्रद्धालु भगवान शिव की गुफा तक 3 किलोमीटर की यात्रा कर भगवान शिव का आर्शिवाद प्राप्त करने आते हैं।
नवरात्र त्यौहार, कटरा - Navratra Festival, katra
नवरात्र के महीने में वैष्णो देवी की यात्रा करना शुभ माना जाता है। नवरात्र के अवसर पर देश-भर से लाखों भक्त माता वैष्णो के दर्शन करने आते हैं। कटरा में नौ दिन तक विशेष पूजा व कार्यक्रम के आयोजन किए जाते हैं। नवरात्र के दौरान कटरा शहर में अनोखी, आलौकिक सजावट होती है। नौ दिनों तक यहां इस त्यौहार को धूम-धाम से मनाया जाता है।
हवाई मार्ग- जम्मू हवाईअड्डा शहर से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग- जम्मू शहर का नज़दीकी रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है।
सड़क मार्ग- दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़ से नेशनल हाईवे 1 और 1A द्वारा जम्मू तक आसानी से पहुंच सकते हैं। नजदीकी शहरों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश आदि से भी जम्मू तक बस में जाने की सुविधाएं हैं।
जम्मू की यात्रा के लिए उपयुक्त समय अप्रैल से नवम्बर तक के महीने हैं।