द्वारका के बारे में - Dwarka in Hindi

द्वारका के बारे में - Dwarka in Hindi

गुजरात की पावन धरती का सबसे बड़ा धाम है द्वारका (Dwarka)। अरब सागर के किनारे गुजरात (Gujarat) में बसी द्वारका विष्णुजी के अवतार भगवान श्रीकृष्ण की कर्मस्थली मानी जाती है। द्वारका हिन्दुओं के चार प्रमुख धामों (Char Dham) में से एक है। द्वारका का जिक्र हिन्दू पुराणों में भी किया गया है। आध्यात्म के अतिरिक्त द्वारका अपने सुंदर पर्यटन स्थलों (Dwarka Tourist Places) के लिए भी प्रसिद्ध है। द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, मीराबाई का मंदिर, श्री कृष्ण मंदिर, हनुमान मंदिर और बेट द्वारका आदि घूमने के लिए प्रसिद्ध हैं। मंदिरों के साथ यहां गोमती घाट, दूनी प्वॉइंट, गोपी तालाब जैसी जगहें भी हैं जहां प्रकृति के नजारे लिए जा सकते हैं। रफ्तार ट्रैवल (Dwarka Travel Guide) की मदद से जानिए द्वारका के सभी पर्यटन स्थलों के बारे में। 

द्वारका के बारे मे -

द्वारका एक धार्मिक स्थान है, यहां से धार्मिक वस्तुएं जैसे किताबें, मूर्ति, पूजा का सामान आदि खरीदे जा सकते हैं। इसके अलावा यहां कई बाजार हैं जहां से हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं के साथ साथ खादी के कपड़े, पटोला साड़ी (Patola sarees), चांदी के गहने आदि भी खरीदे जा सकते हैं। 

द्वारका की यात्रा सुविधाएं -

द्वारका में मंदिरों के बाहर ठग़ों और ढोंगी पंडितों से दूर रहें।

तीर्थस्थली होने के कारण यहां पहनावे का विशेष ध्यान रखें।

ऑटो आदि सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते समय मोल-भाव अवश्य करें।

गुजरात राज्य में शराब पीने की मनाही है, इस बात का विशेष ध्यान रखें।

अपने साथ जरूरी पहचान पत्र अवश्य रखें। 

द्वारका का इतिहास -

द्वारका हिन्दू के चार धामों और सप्त पुरियों में से एक मानी जाती है। प्राचीन समय में इसे "द्वारावती" कहा जाता था जो द्वारका शब्द का संस्कृत उच्चारण है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने जिस द्वारका का निर्माण किया था वह समुद्र में डूब चुकी है। वर्तमान में जो द्वारका नगरी है वह मूल नगर की कल्पना से बनाई गई है। भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा को छोड़ द्वारका में अपना राज्य बसाया था। अपने अंतिम समय में कृष्ण जी की माया से द्वारका जलमग्न हो गई। इसके बाद समय-समय पर यहां विभिन्न राजाओं ने मंदिर और पुरानी द्वारका को बनाने का कार्य किया। 

द्वारका की सामान्य जानकारी -

  • राज्य- गुजरात

  • स्थानीय भाषाएँ- गुजराती, हिन्दी, अंग्रेजी

  • स्थानीय परिवहन- बस, रिक्शा व टैक्सी, ऑटो

  • पहनावा- द्वारका में पुरुष धोती कुर्ता और महिलाएं साड़ियां पहनती हैं, इसके अलावा यहाँ की महिलाएं गुजराती अंदाज की सुंदर चनियो (Chaniyo) और चोली भी पहनती हैं।

  • खान-पान - पूरे गुजरात के साथ द्वारका में भी शाकाहारी और सात्विक भोजन पसंद किया जाता है। इसके अलावा 56 भोगों से सुसज्ज्ति गुजराती थाली तो यहां की खासियत है।

द्वारका कैसे पहुंचें -

  • हवाई मार्ग - By Flight

द्वारका पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पोरबंदर एयरपोर्ट (करीब 108 किमी) है। इसके अलावा दूसरा नजदीकी हवाई अड्डा जामनगर में है जो करीब 130 किमी दूर है। जामनगर से द्वारका के लिए बसें, ऑटो और टैक्सी आदि की सुविधाएं मिलती हैं।

  • रेल मार्ग - By Train

रेल मार्ग द्वारा द्वारका पहुंचना बेहद आसान है। सीधे द्वारका पहुंचने के लिए राजकोट से आने वाली ट्रेन पकड़ी जा सकती है। इसके अलावा जामनगर, पोरबंदर से भी ट्रेनों के माध्यम से द्वारका पहुंचा जा सकता है। 

  • सड़क मार्ग - By Road

द्वारका देश के लगभग सभी राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। द्वारका राजकोट से लगभग 217 किमी और अहमदाबाद से करीब 378 किमी दूर है।  

द्वारका घूमने का समय -

द्वारका आने का सबसे उपयुक्त समय (Best Time to Visit Dwarka) अक्टूबर से मार्च के बीच का समय माना जाता है। इस दौरान यहां का मौसम खुशनुमा होता है। गर्मियों के दिनों में यहां का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा हो जाता है। 

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