तिरुमाला पहाड़ी पर स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर (Shri Venkateswara Temple) या तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple), इस शहर की पहचान है। हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ भगवान वेंकटेश (जिन्हें श्री विष्णु का अवतार माना जाता है) के दर्शन के लिए आते हैं। 12वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर हिन्दू धर्म का एक पवित्र तीर्थस्थल है।
वर्तमान समय में मंदिर के रख-रखाव की जिम्मेदारी "तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम" (TTD) को है। समुद्र तल से लगभग 853 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर 16.2 एकड़ के क्षेत्र में फैला है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान वेंकटेश्वर की काले रंग की सुन्दर प्रतिमा स्थापित है।
इस विशाल मंदिर में कई मंडप, द्वार और छोटे-छोटे मंदिर हैं। चार स्तंभ मंडपम, महाद्वार, संपंगी प्रदक्षिणम, क्षेत्र पलका शिला, बाली पीटम, कृष्ण देवर्या मंडपम, रंग मंडपम तिरुमला राय मंडपम, आईना महल, ध्वजस्तंभ मंडपम, नदिमी पडी कविली, विमान प्रदक्षिणम, श्री वरदराजस्वामी श्राइन पोटु आदि मंदिर के मुख्य आकर्षण हैं।
तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए मंदिर सालभर खुला रहता है लेकिन मौसम के अनुकूल समय सितंबर से फ़रवरी तक का है।
पौराणिक कथा के अनुसार, माँ लक्ष्मी के भगवान विष्णु से रूठ जाने पर श्री विष्णु निराश होकर मंदिर के पास बने पुष्करनी नामक तालाब के किनारे निवास करने लगे थे और बाद में वेंकटेश्वर के रूप में अवतरित होकर उन्होंने माँ लक्ष्मी के अवतार पद्मावती से विवाह किया था। लक्ष्मी माँ के चले जाने के कारण श्री हरि के पास शादी के लिए धन नहीं था जिसके लिए उन्होंने भगवान कुबेर से मदद ली थी। आज भी मंदिर में आये श्रद्धालु यहीं मानकर कुछ अर्पण करते हैं कि इस मदद के बदले वेंकटेश्वर स्वामी उनकी मनोकामना पूरी करेंगे।
चोल वंश, पंड्या वंश और पल्लव वंश के शासकों ने मंदिर में कई बदलाव करवाए जिसके परिणामस्वरुप मंदिर में तीनों शैलियों की मिश्रित कारीगरी देखी जा सकती है।
मंदिर में भक्तों की भारी संख्या को देखते हुए बालाजी मंदिर की प्रबंधन समिति, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा दर्शन हेतु तीन विकल्पीय सुविधा प्रदान की जाती है- सर्वदर्शन, दिव्य दर्शन और शीघ्रदर्शन।
सर्वदर्शन - Sarvdarshan
मुफ्त दर्शन है, इसमें श्रद्धालुओं को लाइन में लगकर अपनी बारी आने तक इंतज़ार करना पड़ता है, इस दौरान मंदिर की ओर से दर्शनार्थियों को थोड़े-थोड़े अंतराल पर चाय-कॉफ़ी, निःशुल्क अन्नप्रसादमम और दवाइयों आदि की सुविधा प्रदान की जाती है।
दिव्यदर्शन - Divyadarshan
करीब 11 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंचें श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क दर्शन सुविधा है।
शीघ्रदर्शन - Sheeghradarshan
जिसे स्पेशल दर्शन भी कहा जाता है, में एडवांस्ड बुकिंग के माध्यम से 300 रूपए का टिकट खरीदकर बिना लाइन में लगे भगवान बालाजी के शीघ्र दर्शन करवाए जाते हैं।
तिरुपति मंदिर में केवल भारतीय पारंपरिक पोशाक ही मान्य है। महिलाओं के लिए साड़ी और पुरुषों के लिए धोती या पैजामा पहनना अनिवार्य है
मंदिर में मोबाइल फोन, कैमरा, विडियो या अन्य कोई भी गैजेट नहीं ले जा सकते, ले जाने पर इसे मंदिर के बाहर ही जमा करवाया जाता है, जिन्हें दर्शन के बाद आप वापस ले सकते हैं
5 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों के लिए अलग से लाइन की सुविधा होती है
तिरुपति एक विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जिस समय भी आप जाएँगे ये मंदिर हमेशा श्रद्धालुओं से भरा मिलेगा। अगर लाइन में घंटों इंतज़ार नहीं करना चाहते हैं तो दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते हैं