विश्वभर में प्रेम का अद्वितीय प्रतीक माना जाने वाला "ताजमहल” (Taj Mahal), आगरा शहर के दक्षिण छोर पर यमुना नदी के तट पर स्थित है। दुनिया के "सात अजूबों में से एक" (Seven Wonders), इस इमारत को लगभग 20 हज़ार मजदूरों ने करीब 17 वर्षों में बनाया था।
पारसी, मुग़ल और भारतीय शैली में बना ताज महल चारों दिशाओं से एक सामान नज़र आता है, इसका यह अद्भुत दृश्य पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है। सफेद संगमरमर पत्थर की शुद्धता, अद्धभुत सजावट, दीवारों में जड़े कीमती रत्न और किनारे पर बहता यमुना का पानी, ताजमहल की सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। सुबह की पहली किरण हो या शाम का डूबता सूरज हर पहर में ताजमहल की रौनक कुछ नई और कुछ अलग नज़र आती है।
कहते हैं, शाहजहां ने आगरा किले से ताजमहल को देखते हुए अपनी अंतिम सांसे ली थीं। शाहजहां और मुमताज़ बेग़म की कब्रें भी ताजमहल के नीचे के तहख़ाने में मौजूद हैं जहां अब पर्यटकों का जाना मना है।
सफ़ेद संगमरमर से बना ताजमहल मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने 17 वीं शताब्दी में अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। 1631 में मुमताज़ बेगम की मौत के बाद शाहजहां ने एक ऐसी इमारत को बनवाने का फैसला किया जो प्यार की मिसाल हो। साथ ही शाहजहां उस इमारत को गंभीरता, सद्भाव, पवित्रता और आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में भी बनवाना चाहते थे।
जिस जगह पर ताजमहल स्थित है वह जगह अजमेर के कच्छवा राजा की थी जिसे शाहजहां ने अपनी चार हवेलियों के बदले में लिया था। ताजमहल के निर्माण के लिए अर्द्ध कीमती पत्थरों को भारत, सीलोन और अफगानिस्तान के अलग अलग हिस्सों से मंगवाया गया। ताजमहल के निर्माण में 17 साल लग गए और 1648 में यह नायाब ईमारत बनकर तैयार हुई।
कहा जाता है कि ताजमहल के पूरा होने के बाद सभी मजदूरों व कारीगरों के हाथ कटवा दिए गए थे ताकि दोबारा ऐसी नायाब इमारत का निर्माण न किया जा सके।
लोकल और विदेशी यात्रियों के लिए यहां अलग-अलग एंट्री फीस है
15 साल से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश निशुल्क है
गर्मियों के मौसम में जाने से बचें
सरकार द्वारा नियुक्त किए हुए लोकल गाइड्स ही हायर करें
सूर्योदय से सूर्यास्त तक ताजमहल खुला रहता है
शुक्रवार के दिन ताजमहल में प्रवेश बंद रहता है
ताजमहल के अन्दर स्थित ताजमहल म्यूजियम है जहाँ निशुल्क प्रवेश किया जा सकता है