आगरा (Agra)- जहाँ मुगल सल्तनत की झलक, समृद्ध इतिहास और साथ ही आधुनिकता की ओर बढ़ते क़दमों के निशाँ दिखाई देते हैं। मुगलों के राज और मोहब्बत की निशानी- "ताजमहल" ने इस शहर को पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुगल वंश के संस्थापक "बाबर" के शासनकाल की शुरुआत के साथ ही आगरा में फारसी शैली के चौकोर बगीचों को बनाने की परंपरा शुरू हई। सम्राट "अकबर" ने यहां आगरा का किला और फतेहपुर सीकरी का निर्माण कराया। "जहांगीर" ने कई महल और उद्यान बनवाकर आगरा शहर को सजाया। लेकिन इस शहर को मोहब्बत की निशानी "ताजमहल" देकर मुगल बादशाह "शाहजहां" ने यहाँ की खूबसूरती को चरम सीमा तक पहुंचाया। मुगलई खानों की महक, पेठे का स्वाद, सदर बाज़ार में स्ट्रीट फ़ूड स्टाल्स पर लगी लोगों की भीड़ और टीडी आई मॉल से झांकता फैशन, पर्यटक इस शहर के कई अलग-अलग रंग देख सकते हैं और उनका अनुभव स्वयं ले सकते हैं।
आगरा का सदर बाजार खरीदारी करने के लिए बहुत मशहूर है। आगरा के पेठे तो देश-भर में मशहूर हैं इसलिए आगरा शहर जाएं तो यहां के पेठे खरीदना ना भूलें। आगरा से मुगल कार्पेट, शीशे के बने ताज महल, मुगल आभूषण, संगमरमर पत्थर से बने आभूषण व बर्तन आदि खरीदे जा सकते हैं।
आगरा का मौसम बदलता रहता है। जिस भी मौसम में जा रहे हैं उस मौसम के हिसाब से ही कपड़े रखें।
गर्मियों के मौसम में जाने से बचें।
कहीं भी जाते समय अपने सभी पहचान पत्र अपने साथ रखें।
महाभारत में आगरा शहर को "आगरावन" के नाम से संबोधित किया गया है। इससे पहले इस शहर को "आर्य ग्रह" यानि आर्यन के निवास स्थान के रूप में भी जाना गया था। हालाँकि आगरा के इतिहास में सबसे ज्यादा जिक्र मुगलों का मिलता है, जिनके आगमन से यह शहर एक नए दौर की ओर बढ़ा था। आधुनिक आगरा शहर की स्थापना लोधी वंश के सिकंदर लोधी द्वारा 16 वीं सदी में की गई थी। मुगल वंश के संस्थापक बाबर ने भी काफी समय तक आगरा में निवास किया था। पंद्रह सालों तक फतेहपुर सीकरी मुगल शासक अकबर की राजधानी रही और उसके बाद रहस्यमय परिस्थितियों के कारण फतेहपुर सीकरी वीरान हो गई। मुगल काल के बाद आगरा शहर पर जाटों, मराठों और अंत में ब्रिटिशों का राज हुआ।
राज्य- उत्तर प्रदेश
स्थानीय भाषाएँ- हिंदी, उर्दू, पंजाबी, अंग्रेज़ी
स्थानीय परिवहन- बस, रिक्शा व टैक्सी
पहनावा- मिली-जुली संस्कृति होने के कारण आगरा शहर में महिलाएं साड़ी, सूट से लेकर जींस तक पहनती हैं। पुरूष यहाँ कुर्ता-पजामा, जींस, पैंट पहनते हैं।
खान-पान- मुगलई खाने के शौकीन हैं तो आगरा में आपके लिए कई प्रसिद्ध होटल हैं। इसके अलावा आगरा का पेठा और जलेबी देश-भर में प्रसिद्ध है। आलू चाट, पापड़ी, गोलगप्पे, पास्ता, मोमो, फालूदा, मिठाई के अलावा आपको हर देशी व विदेशी व्यंजनों के स्वाद चखने को मिल सकते हैं।
ताज महोत्सव - Taj Mahotsav
ताज महोत्सव शिल्प, कला, संस्कृति और व्यंजनों का त्यौहार है। इस शिल्प मेले का उद्देश्य देशभर से आए कारीगरों को प्रोत्साहन प्रदान करना है। ताज महोत्सव के दौरान, लोक एवं शास्त्रीय संगीत और विभिन्न क्षेत्रों के नृत्यों की प्रचुरता खासतौर पर बृज भूमि का अनुभव कर सकते हैं। कलाकृतियों के अलावा यहां आप शानदार व्यंजन की अनेक किस्मों का स्वाद चख सकते हैं। ताज महोत्सव का आयोजन उत्तर-प्रदेश पर्यटन द्वारा प्रतिवर्ष फ़रवरी माह में किया जाता है।
राम बारात - Ram Barat
हर साल दशहरे से पहले आगरा शहर में राम बारात का आयोजन किया जाता है। यह रामलीला का एक मुख्य पाठ होता है जो रावण की मौत के साथ खत्म होता है। शहर को खूबसूरती से सजाया जाता है और भगवान की मूर्तियों की झांकियां निकाली जाती हैं। इस दौरान रामबारात की भव्य यात्रा शहर के हर हिस्से में निकलती है। यहां मेले का भी आयोजन होता है जिसमें आस पास के शहरों से भी लोग घूमने आते हैं।
हवाई मार्ग - By Flight
आगरा एयरपोर्ट (एयरफ़ोर्स स्टेशन, खेडिया) शहर से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा दिल्ली का अंतर्राष्ट्रीय इंदिरा गाँधी हवाई अड्डा नजदीकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है।
रेल मार्ग - By Flight)
आगरा के मुख्य रेलवे स्टेशन आगरा कैंट के अलावा राजा की मंडी और आगरा फोर्ट स्टेशन पर भी पर्यटक उतर सकते हैं।
सड़क मार्ग - By Flight
दिल्ली से आगरा पहुँचने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे सबसे आसान व सुगम मार्ग है। जयपुर, मथुरा जैसे मुख्य शहरों से आगरा के लिए सीधी बस सेवा चलती है।
आगरा की यात्रा के लिए उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च तक के महीने हैं।