तंजावुर शहर को तमिलनाडु राज्य का "राइस बाउल" कहा जाता है। तंजावुर सन् 1790 में देश की सांस्कृतिक राजधानी हुआ करता था। तंजावुर को दक्षिण भारत में धर्म, कला और वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी माना जाता है। यहां मौजूदा हिन्दू धर्म के बड़े-बड़े मंदिर देशभर में प्रसिद्ध हैं। तंजावुर को चोल राजाओं की अवधि के दौरान सबसे ज्यादा प्रमुखता मिली जब उन्होंने इसे अपनी राजधानी के रूप में घोषित किया। यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित स्मारकों में चोल मंदिर तंजावुर में स्थित हैं।
तंजावुर का सबसे नज़दीकी हवाई-अड्डा तिरुचिरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यहाँ से शहर तक पहुंचने में तकरीबन एक घंटा लगता है। इसके अलावा तंजावुर रेलवे जंक्शन से भी यहाँ पहुंचा जा सकता है। तमिलनाडू के दूसरे शहरों से तंजावुर बस स्टैंड तक की बस सुविधा उपलब्ध है।
तंजावुर की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर-मार्च के दौरान है।