श्रीरंगपट्टनम (Srirangapatna), कर्नाटक राज्य में कावेरी नदी के तट पर बसा हुआ है। श्रीरंगपट्टनम शहर का नाम यहां स्थित श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर के नाम पर रखा गया है, जो दक्षिण भारत का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। श्रीरंगपट्टनम शहर की संरचना एक द्वीप की तरह है। यह शहर कावेरी नदी को दो भागों में बांटकर उत्तर कावेरी और दक्षिण कावेरी बनाती है और फिर से गंजम (Ganjam) नामक गांव में आकर नदी एक साथ मिल जाती हैं। कावेरी नदी के दोनों भागों के बीच में ही श्रीरंगपट्टनम (Srirangapattanam) स्थित है। यह शहर मैसूर के शासक टीपू सुल्तान का गढ़ है। श्रीरंगपट्टनम का इतिहास कई लड़ाइयों से भरा हुआ है। यहां संस्कृति और इतिहास की झलक प्रदान करने वाली कई इमारतें हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। श्रीरंगपट्टनम के पर्यटनीय स्थलों (Tourist Place of Srirangapatna) में खास हैं श्री रंगनाथस्वामी मंदिर (Ranganathaswamy temple), टीपू सुल्तान की कब्र, रंगाथिटटु पक्षी विहार (Ranganathittu Bird Sanctuary) आदि।
श्रीरंगापट्टनम से पर्यटक ऐतिहासिक स्मारकों के नजदीक स्थित छोटी- छोटी दुकानों से स्थानीय हस्तशिल्प के सामान खरीद सकते हैं। इसके अलावा ज्वैलरी शॉप से स्थानीय रूप से डिजाइन की गई ज्वैलरी और गिफ्ट भी ले सकते हैं।
यात्रा के दौरान अपनी निजी वस्तुओं का ध्यान रखें
शहर में दर्शनीय स्थलों का आनंद उठाते समय फोटोग्राफी के लिए पर्यटक कैमरा ला सकते हैं
शहर में स्मारकों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए गाइड की सहायता ले सकते हैं
श्रीरंगपट्टनम के इतिहास की बात की जाए तो, यह शहर एक समय में हैदर अली और टीपू सुलतान द्वारा नियंत्रित क्षेत्र की किला राजधानी (Fortress Capital) के रुप में प्रसिद्ध था। 1799 में हुए मैसूर युद्ध में टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद श्रीरंगपट्टनम का महत्व एक राजधानी के तौर पर कम हो गया था लेकिन भारत की आजादी के बाद तक यह शहर मैसूर रियासत के अधीन ही रहा।
राज्य- कर्नाटक
स्थानीय भाषाएँ- कन्नड, अंग्रेजी, हिन्दी
स्थानीय परिवहन- बस, रिक्शा, ऑटो, टैक्सी और कैब
पहनावा- श्रीरंगपट्टनम में महिलाएं साड़ी, सलवार कमीज तथा पुरुष धोती पहनते हैं। इसके अलावा बदलते समय के साथ यहाँ के लोगों ने भी पश्चिमी परिधान (dress) जैसे जींस, टी- शर्ट, पैंट आदि को अपनाया है। विशेष उत्सवों पर यहाँ के लोग पारंपरिक ड्रेस पहनते हैं।
खान-पान- श्रीरंगपट्टनम में पर्यटक दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। यहां डोसा, इडली, सांभर, वांगी भात (Vangi Bath), अक्की रोटी (Akki roti) आदि काफी प्रसिद्ध हैं। मैसूर पाक (Mysore pak) और चिरोती (Chiroti) यहां की एक मशहूर मिठाई है।
बुद्ध पूर्णिमा - Buddha Purnima
यह त्यौहार वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। भगवान बुद्ध का जन्म, उन्हें ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ये तीनों इसी दिन हुए थे। इस उत्सव को बौद्ध दोनों धर्म के लोग बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं।
कोतरोतसवा - Kotarothsava
यह श्रीरंगापट्टनम का प्रसिद्ध त्यौहार है जो भगवान रंगनाथ (Ranganatha) को समर्पित है। यह उत्सव हर साल जनवरी माह में श्री रंगनाथ मंदिर (Sri Ranganatha Temple) पर मनाया जाता है। इस दौरान भगवान रंगनाथ अर्थात भगवान विष्णु का रथ जलूस भी निकाला जाता है जिसमें शामिल होने के लिए देश भर से हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
लक्षदीपोत्सव - Laksha Deepotsava
श्रीरंगापट्टनम में स्थित रंगनाथ स्वामी मंदिर में हर साल मकर संक्रांति ब्रह्मोत्सव (Makara Sankranthi Brahmotsava) मनाया जाता है। इस दौरान मंदिर में लाखों दीपक जलाए जाते हैं।
हवाई मार्ग - By Flight
मैसूर हवाई अड्डा श्रीरंगपट्टनम का नजदीकी एवं घरेलू हवाई अड्डा (Mysore Airport) है जो करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जबकि बंगलौर यहाँ का नजदीकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Bengaluru International Airport) है जो शहर से करीब 140 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से शहर तक पहुंचने के लिए पर्यटक टैक्सी सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
रेलवे मार्ग - By Train
श्रीरंगपट्टनम रेलवे स्टेशन (Shrirangapatna Railway Station) भारत के कई बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। श्रीरंगपट्टनम के लिए देश के विभिन्न शहरों से सीधी ट्रेनें मिलती हैं।
सड़क मार्ग - By Road
श्रीरंगपट्टनम राष्ट्रीय राज्यमार्ग 17 द्वारा मद्दूर (Maddur) और मांड्या (Mandya) शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जहाँ से बस यात्रा करते हुए पर्यटक तीन से चार घंटे में श्रीरंगपट्टनम शहर पहुंच सकते हैं।
श्रीरंगपट्टनम घूमने का सबसे उपयुक्त समय सितंबर से मार्च का समय है।