पद्मावती देवी मंदिर (Padmavati Devi Temple), भगवान विष्णु के अवतार वेंकटेश्वर की अर्धांगिनी पद्मावती को समर्पित है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश राज्य के तिरूपति शहर से पांच किलोमीटर की दूरी पर तिरूचनूर क्षेत्र में स्थित है।
मंदिर में देवी पद्मावती, पद्मासन में विराजमान हैं। उनके दो हाथों में कमल का फूल और दो हाथ अभय और वर मुद्रा में हैं। इस मंदिर में श्री कृष्ण, बलराम, सुंदरा राजा स्वामी और सूर्य नारायण स्वामी की मूर्तियां भी स्थापित हैं। इस मंदिर में पहले श्री कृष्णा और फिर देवी पद्मावती के दर्शन लेने की प्रथा है।
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु से नाराज़ होकर पाताल लोक चली गई थीं, उनके वियोग में विष्णु जी वेंकटा पर्वत पर ध्यानलीन हो गए। कुछ समय पश्चात् भगवान विष्णु ने श्री वेंकटेश्वर के रूप में अवतार लिया और देवी लक्ष्मी की अवतार देवी पद्मावती से विवाह किया।
पद्मावती, राजा अक़सा की पुत्री थीं। ऐसा माना जाता है कि राजा अक़सा को देवी पद्ममावती सोने के कमल के फूल पर मिली थीं। पद्मावती देवी मंदिर का निर्माण राजा तोंदमन के शासनकाल के दौरान हुआ था।
श्री वेंकटेश्वर मंदिर के दर्शन करने से पहले श्री पद्मावती देवी मंदिर के दर्शन करना आवश्यक है।
मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6:30 बजे से शुरू होता है
तिरूमला धूम्रपान, शराब, मांस में वर्जित है