उत्तराखंड राज्य में स्थित बद्रीनाथ धाम के प्रमुख आकर्षणों में से एक है “तप्त कुंड”(Taptkund)। यह एक प्राकृतिक कुंड है जिसका पानी हमेशा गर्म रहता है। कहा जाता है कि इस कुंड में स्वयं “अग्नि देव” का वास है इसीलिए इसे पवित्र और चमत्कारिक माना गया है।
बद्रीनाथ मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्तों को तप्त कुंड में स्नान करना जरूरी होता है। हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच गर्म पानी के इस कुंड को देखकर हैरान होना लाज़मी है लेकिन कलयुग में ऐसे अचंभे को देख हर कोई भगवान बद्री विशाल के आगे नतमस्तक हो जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अग्नि देव की भक्ति और तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें सदैव इस कुंड में वास कर, भक्तों के पापों को हरने का आर्शीवाद दिया था।
आमतौर पर इस कुंड का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रहता है लेकिन दिन में इसका तापमान अचानक बढ़ा हुआ महसूस होता है।
तप्त कुंड एक पवित्र स्थल है, साफ़-सफाई का ध्यान रखना अतिआवश्यक है
कुंड में पुरुष और स्त्रियों के लिए अलग-अलग स्नान की व्यवस्था की गई है
भगवान बद्री नारायण मंदिर के कपाट जब तक खुले रहते हैं, तब तक इस कुंड में स्नान की अनुमति होती है