सक्करबाग चिड़ियाघर भारत के सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन चिड़ियाघरों में से एक है। जूनागढ़ में स्थित सक्करबाग चिड़ियाघर में एशियाई शेरों की ऐसी कई प्रजातियां रहती हैं जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। इस चिड़ियाघर में पर्यटकों के लिए प्रकृति को करीब से समझने के कई अवसर हैं। इस चिड़ियाघर में भारतीय गौर, मालाबार गिलहरी, अफ्रीकन बंदर जैसे दुर्लभ जानवरों के अलावा बाघ, तेंदुआ, भालू, गीदड़, जंगली गधे, सांप आदि की कई प्रजातियां रहती है।
85 हेक्टेयर में फैले सक्करबाग चिड़ियाघर का निर्माण 1863 में हुआ। 1863 से 1947 तक इस चिड़ियाघर का संरक्षण जूनागढ़ के शाही खानदान ने किया। कई लोग मानते हैं कि इस चिड़ियाघर का नाम एक बाग पर रखा गया है जिसमें मीठे पाने का कुंआ था। साल 2003 में इस चिड़ियाघर में एक प्राकृतिक इतिहास को सुरक्षित करने के लिए संग्रहालय खोला गया। 2009 में यह भारत का इकलौता चिड़ियाघर बना जहां अफ्रीकन चीता देखा जा सकता है।
इस चिड़ियाघर में खुली जीप द्वारा एशियाई शेरों को देखने का लुत्फ़ उठाया जा सकता है।