शालीमार बाग के बारे में जानकारी - Shalimar Bagh Srinagar in Hindi

शालीमार बाग के बारे में जानकारी - Shalimar Bagh Srinagar in Hindi

शालीमार यानि प्रेम का बाग़ (Garden of Love), श्रीनगर शहर के मुगल गार्डन्स में सबसे बड़ा और लोकप्रिय बाग़ है। प्रेम के बाग़ की उपाधि से मशहूर इस बाग़ को "रॉयल गार्डन" (Royal Garden) भी कहा जाता है। यह बगीचा फारसी व मुगल शैली में बना एक बेहतरीन पहाड़ी बगीचा है। इस में चार सीढ़ीदार लॉन हैं, जिनमें सबसे ऊपरी लॉन सदियों पहले केवल मुगल शासकों और उनकी रानियों के लिए बनाया गया था।

मुगल शासक जहांगीर शालीमार बाग़ को "फरह बख्श" (Farah Baksh) कहकर पुकारते थे जिसका अर्थ होता है सुहावना-आनंदमय। पानी की नहरें, फव्वारें, रंग बिरंगे फूल,  डल झील का किनारा व हिमालय पर्वतों का सुंदर नज़ारा इस बगीचे की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। यहाँ सुसज्ज्ति चिनार के पेड़ों की संख्या सभी मुगल बाग़ों में सबसे अधिक है।

शालीमार बाग़ का इतिहास - History of Shalimar Bagh in Hindi

मुगल शासक जहांगीर ने अपनी रानी मेहरून्निसा (जिन्हें नूरजहां का खिताब प्राप्त था) के लिए इस बाग़ का निर्माण 1616 ईस्वी में करवाया था। इसके बाद उनके बेटे मुगल बादशाह शाहजहां ने इस बाग़ के परिसर को बढ़वाया और इसे "फैज़ बख्श" (Faiz Baksh) नाम दिया। उस वक़्त यह केवल एक बाग़ न होकर मुगल शासकों का गर्मियों में रहने का स्थान भी हुआ करता था।

शालीमार बाग़ मे क्या देखे -

ऐसा कहा जाता है कि जब इस बाग़ का निर्माण पूरा हुआ था तो इस बाग़ को देखकर जहांगीर ने फारसी जुमला कहा था- गर फिरदौस बरूए ज़मी आस्तो, हमी आस्तो, हमी आस्तो, हमी आस्त अर्थात यदि धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है यहीं है।

शालीमार बाग़ सलाह -

  • अपने साथ अपने पहचान पत्र दस्तावेज़ हमेशा रखें
  • शुक्रवार के दिन यह उद्यान बंद रहता है
  • यहां जाने का प्रवेश शुल्क केवल दस रूपये है
  • मौसम के अनुसार इस बाग़ के खुलने व बंद होने का समय अलग अलग है
  • यह बाग़ अप्रैल से अक्टूबर सुबह के नौ से शाम सात बजे तक और नवंबर से मार्च सुबह दस से पांच बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है

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