ऊटी के बारे में जानकारी - Ooty in Hindi

ऊटी के बारे में जानकारी - Ooty in Hindi

हिल स्टेशनों की रानी ऊटी (Ooty- Queen of Hill Stations), तमिलनाडु में स्थित खूबसूरत वादियों का शहर है। उदगमंदलम, उदगई, ऊटाकमुंड नामों से मशहूर ऊटी नीलगिरि की सुंदर नीली पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। दक्षिण भारत के बेहद खूबसूरत शहरों की सूची में शुमार ऊटी, चाय के बागानों व वस्त्र उघोग के लिए प्रसिद्ध है।

ऊँचें पहाड़, घने जंगल, विशाल घास के मैदान और मीलों तक फैले हुए चाय के बागान, ऊटी आने वाले पर्यटकों का स्वागत करते प्रतीत होते हैं। दक्षिण भारत के गर्म और नम तापमान में हल्की धुंध से ढका यह शहर किसी छुपे हुए खज़ाने से कम नहीं है। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा इस शहर का विकास कार्य कराया गया था इसीलिए आज भी यहाँ ब्रिटिश संस्कृति की छाप साफ़ दिखाई देती है।

तमिलनाडु राज्य के इस स्वर्ग को मद्रास प्रेसीडेंसी द्वारा अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया था। यदि आप ऊटी जा रहे हैं तो यहाँ की नीलगिरि की पहाड़ियों में चलने वाली ट्रेन में सफर जरूर करें, जिसका अनुभव आप उम्रभर याद रखेंगें।

ऊटी के बारे मे -

नीलगिरि का तेल, शहद, सिनकोना उत्पाद, कॉफी, टी आदि ऊटी हिल स्टेशन से खरीदे जाने वाले मुख्य उत्पाद हैं। म्यूनिसिपल मार्केट, कॉर्पेरेटिव सुपर मार्केट, अपर एंड लोअर बाजार रोड्स ऊटी की मुख्य शॉपिंग मार्केट्स हैं।

ऊटी की यात्रा सुविधाएं -

  • महंगा सामान अपने साथ ले जाने से बचें

  • यहाँ पर बाइक रेंट पर ले सकते हैं

  • साल के अंतिम महीनों में जा रहे हैं तो अपने साथ गर्म कपड़े रखें

  • पॉलिथीन का प्रयोग न करें

  • ऊटी की खूबसूरत वादियों का आनंद अगर पैदल यात्रा करके लेना चाहते हैं तो ध्यान रहे की निर्देशित पथ पर ही चलें

ऊटी का इतिहास -

पहली बार जॉन सुलिवन नामक अंग्रेज द्वारा इस शहर की खोज 1819 में हुई थी। ऊटी शहर के बारे में सबसे पहले सन् 1821 में मद्रास गैजेट पत्रिका में छपा था जिसने इसे वोटोकिमुंद के नाम से संबोधित किया। ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान यह अंग्रेजों के लिए दक्षिण भारत का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बना रहा।

हांलाकि नीलगिरि के पश्चिमी घाट में बसे इस हिल स्टेशन पर, तोडा नामक जाति सदियों से रहती आई है। तोडा जाति का इतिहास सदियों पुराना है और आज भी यह जाति यहीं पर बसी हुई है।

ऊटी की सामान्य जानकारी -

  • राज्य- तमिलनाडु

  • स्थानीय भाषाएँ- तमिल, कन्नड़, मलयालम, हिंदी और अंग्रेजी

  • स्थानीय परिवहन- लोकल बस, टैक्सी

  • पहनावा- ऊटी की स्थानीय जन जातियां अपने कपड़ों को शाल्य की चादर की तरह पहनती हैं। आदमी धोती और औरतें घाघरों के ऊपर एक बड़े चौकोर कपड़े को ओड़ लेती हैं।

  • खान-पान- ऊटी के बन (Bun) और केक (Cake) बहुत प्रसिद्ध हैं। ऊटी की चॉकलेट (Chocolate) भी देश-भर में मशहूर है। ऊटी शहर में आप चाय की कई किस्मों का स्वाद चख सकते हैं। इसके अलावा चाइनीज़, साऊथ इंडियन व्यंजन भी यहाँ आसानी से मिल जाते हैं।

ऊटी के प्रमुख त्यौहार -

  • समर फेस्टिवल - Summer Festival

हर साल गर्मियों के मौसम में ऊटी शहर में समर फेस्टिवल मनाया जाता है। इस त्यौहार को शहर के बोटानिकल गार्डन में आयोजित किया जाता है। इस दौरान शहर में तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम, फैशन परेड, फ्लावर एंड फ्रूट शोज़, आदि का आयोजन होता है। 

  • टी एंड टूरिजम फेस्टिवल - Tea and Tourism Festival

जनवरी के महीने में टी एंड टूरिजम फेस्टिवल का आयोजन शहर में किया जाता है। इस फेस्टिवल को तीन दिनों के लिए मनाया जाता है जिसमें चाय की भिन्न-भिन्न किस्मों की पत्तियों को प्रदर्शिनी में लगाया जाता है। पर्यटक यहाँ आकर इन का स्वाद चख सकते हैं व इनकी खरीदारी भी कर सकते हैं।

ऊटी कैसे पहुंचें -

  • हवाई मार्ग - By Flight

ऊटी का निकटतम हवाईअड्डा 100 किलोमीटर दूर कोयंबटूर में स्थित है।

  • रेल मार्ग - By Train

रेलमार्ग द्वारा भी ऊटी पहुंचना आसान है। ऊटी रेलवे स्टेशन तमिलनाडु के कई शहरों से जुड़ा है। लेकिन अगर टॉय ट्रेन का रोमांच लेना चाहते हैं तो मेट्टुपालयम से नीलगिरि टॉय ट्रेन द्वारा ऊटी पहुंच सकते हैं।

  • सड़क मार्ग - By Road

ऊटी के लिए दक्षिण राज्य के बैंगलोर, कोचीन, मैसूर, कोयंबटूर से सीधी बस सेवा उपलब्ध है।

ऊटी घूमने का समय -

ऊटी की यात्रा के लिए उपयुक्त समय अप्रैल से जून व सितम्बर से नवम्बर तक के महीने हैं।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in