गुरु शिखर का मंदिर के बारे में जानकारी - Guru Shikhar in Hindi

गुरु शिखर का मंदिर के बारे में जानकारी - Guru Shikhar in Hindi

गुरु शिखर (Guru Shikhar) , अरावली पर्वत की सबसे ऊंची चोटी है, जहां पर भगवान दत्तात्रेय का मंदिर स्थित है। इसके पास ही एक और मंदिर है जो भगवान दत्तात्रेय की माता अनसूया का है। 1722 मीटर ऊंचे इस शिखर की एक चट्टान पर पीतल का प्राचीन घंटी लगी हुई है। माउंट आबू से गुरु शिखर का रास्ता बड़ा घुमावदार है, इस रास्ते पर आगे की तरफ बढ़ते हैं तो ऐसा लगता है मानों आसमान धरती पर उतर आया हो। शिखर के ऊपर से दिखने वाला मनमोहक दृश्य पर्यटकों की आंखों में बस जाता है। शिखर तक पहुंचने के लिए जो सीढ़ियां बनी हैं उसके दोनों तरफ दुकानें लगी रहती हैं। जहां से पर्यटकों को खाने- पीने की चीजें आसानी से मिल जाती हैं।

गुरु शिखर का इतिहास - History of Guru Shikhar in Hindi

गुरु शिखर के इतिहास की बात करें तो अग्निवंशीयों का यह दावा था कि गुरु शिखर पर ही अग्नि वंश की उत्पत्ति अग्नि देव से हुई थी। चार राजपूत कुलों को अग्नि वंश का माना जाता है- चौहान, परमार, सोलंकी और प्रतिहार। भारत के अंतिम हिन्दू सम्राट, पृथ्वीराज चौहान ने 1778 ई॰ में इसी स्थान पर प्रह्लादन की पुत्री के साथ विवाह किया था।

गुरु शिखर मे क्या देखे -

गुरु शिखर पर एक अग्नि कुंड है, जो सदा प्रज्ज्वलित रहता है।

गुरु शिखर सलाह -

  • यह सप्ताह के सातों दिन सुबह के 8 बजे से लेकर शाम के 6.30 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है
  • पर्यटक अपनी पानी की बोतल साथ लेकर चलें तो बेहतर होगा
  • गुरु शिखर की सीढ़ियों पर खाने- पीने के दुकानें लगी रहती है, तो यात्री यहां खाते- पीते सफर का आनंद उठा सकते हैं
  • अरावली की इस ऊंची चोटी पर आप कैमरा ले जाना ना भूलें ताकि आप अपनी यात्रा को यादगार बना सकें

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