पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क - Padmaja Naidu Himalayan Zoological Park in Hindi

पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क - Padmaja Naidu Himalayan Zoological Park in Hindi

"लाल पांडा, हिम तेंदुए, तिब्बती वुल्फ" और पूर्वी हिमालय के लुप्त होते जानवरों की प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करता "पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क" (Padmaja naidu himalayan zoological park), दार्जिलिंग में स्थित है। यह भारत का एकमात्र चिड़ियाघर है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन लुप्त प्रजातियों के संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम को चलाने के लिए जाना जाता है। जानवरों को देखने के साथ-साथ लोगों को यहां हिमालय के इको सिस्टम के संरक्षण के महत्व के बारे में भी जानकारी मिलती है।

दार्जिलिंग चिड़ियाघर देश के सबसे अधिक ऊंचाई वाले चिड़ियाघरों में से एक है। 7,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह चिड़ियाघर 67.5 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। हिमालयी जानवरों के संरक्षण और वृक्षारोपण के लिए दार्जिलिंग चिड़ियाघर को ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "अर्थ हीरोज 2014"(Earth Heroes Award) से भी नवाज़ा जा चुका है। इस चिड़ियाघर में पर्यटक पेड़-पौधे, झाड़ियाँ, औषधीय पौधों आदि की 200 से अधिक प्रजातियां देख सकते हैं।

पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क का इतिहास - History of Padmaja naidu himalayan zoological park

हिमालयन ज़ूलॉजिकल पार्क की स्थापना 14 अगस्त सन् 1958 में की गई। इस चिड़ियाघर का निर्माण भारत सरकार और पश्चिम बंगाल की सरकार के संयुक्त प्रयास के तहत हुआ था। सन् 1972 में इस ज़ू को पश्चिम बंगाल सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत एक पंजीकृत सोसाइटी में परिवर्तित कर दिया गया। सन् 1993 में ज़ू सोसायटी को पश्चिम बंगाल के वन सरकारी विभाग को हस्तांतरित कर दिया। 1975 में स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी ने दार्जिलिंग हिमालयन ज़ूलॉजिकल पार्क को स्वर्गीय श्रीमती पद्मजा नायडू जो पश्चिम बंगाल की पूर्व राज्यपाल थीं, को समर्पित किया। तब इस ज़ू का नाम बदलकर "पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क" रखा गया।

पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क मे क्या देखे -

पशु प्रेमियों के लिए यह चिड़ियाघर "एडॉप्शन प्रोग्राम" (Adoption Programme) भी चलाता है जिसके तहत लोग अपनी पसंद के किसी पशु-पक्षी के पालन के खर्च का जिम्मा उठा सकते हैं।

पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क सलाह -

  • गूरूवार को यह ज़ू बंद रहता है।
  • भारतीयों के लिए ज़ू में प्रवेश शुल्क बीस रूपये है व विदेशियों के लिए पचास रूपये।
  • कैमरा अंदर ले जाने के लिए दस रूपये का टिकट लेना अनिवार्य है।
  • गर्मियों में दार्जिलिंग ज़ू सुबह के साढ़े आठ बजे से शाम के साढ़े चार बजे तक व सर्दियों में चार बजे तक खुला रहता है।

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