पंजाब सरकार द्वारा निर्मित व संरक्षित “एंग्लों सिख युद्ध स्मारक” बहादुर सिखों को समर्पित है, जिन्होंने 18 दिसम्बर 1845 को मुदकी में ब्रिटिश सरकार से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। पुन: यह लड़ाई 21-22 दिसम्बर 1845 को हुई। तीसरी व अंतिम लड़ाई 13 जनवरी 1849 को चेल्लीनवाला में हुई। स्वतंत्र राष्ट्र की भावना से हुए इस संग्राम में कई सिखों ने अपने जीवन न्यौछावर कर दिए। यह स्मारक उन सभी वीरों की याद में बनाया गया है।