सांता क्रूज बैसिलिका, केरल के फोर्ट कोच्चि में के.बी याकूब रोड पर स्थित एक रोमन कैथोलिक कैथेड्रल है जो केरल के बेहतरीन और प्रभावशाली चर्चों में से एक है। सेंट फ्रांसिस चर्च के पास स्थित करीब यह प्रधान गिरजाघर कोचीन के सूबे में अंतर्गत मुख्य चर्च है। यह कैथेड्रल भारत में सबसे पुराने चर्चों में से एक है और साथ ही यह देश में मौजूद आठ बैसिलिकाओं में से भी एक है।
सांताक्रूज कैथेड्रल का निर्माण - Construction of Santa Cruz Cathedral
इस गिरजाघर का निर्माण पहली बार पुर्तगाली वायसराय, फ्रांसिस्को डी अल्मीडा द्वारा करवाया गया था जब वह सन 1505 में कोच्चि पहुंचे थे। उन्होने कोच्चि के राजा से उस समय पत्थर और मोर्टार का उपयोग कर एक चर्च भवन का निर्माण करने के लिए अनुमति ली थी। सांताक्रूज चर्च की नींव का पत्थर 3 मई 1505 को रखा गया था जिस दिन होली क्रॉस के आविष्कार की दावत का दिन भी था इसलिए इस चर्च का नाम सांताक्रूज रखा गया।
सांता क्रूज कैथेड्रल का इतिहास - History of Santa Cruz Cathedral in Hindi
सन 1558 में सांताक्रूज चर्च को कैथेड्रल का नाम दिया गया, सन 1663 में जब डच ने कोच्चि के ऊपर विजय प्राप्त की थी तब उन्होंने सभी कैथोलिक इमारतों को नष्ट कर दिया था लेकिन केवल सेंट फ्रांसिस चर्च और कैथेड्रल बच गया था। सन 1795 में ब्रिटिशर्स ने इस कैथेड्रल को तुड़वा दिया था। तकरीबन सौ साल बाद फिर बिशप डी जोआओ गोम्स फरेरा जो कोचीन पहुंचे थे ने इस कैथेड्रल को दोबारा खड़ा करने की पहल की और इस का निर्माण शुरू करवाया। पॉप जॉन पॉल द्वितीय ने 1984 में इसे बेसोलिका का दर्जा दिया।