सफदरजंग का मकबरा के बारे में जानकारी - Safdarjung Tomb in Hindi

सफदरजंग का मकबरा के बारे में जानकारी - Safdarjung Tomb in Hindi

मिर्जा मुक़ीम अबुल मंसूर खान यानि सफ़दरजंग की याद में बनाया गया "सफदरजंग का मकबरा" (Safdarjung Tomb) बलुआ और संगमरमर पत्थर से बना है। इस मकबरे का परिसर चारबाग शैली में बना हुआ है। चारों ओर से घिरे हरे-भरे पेड़ पौधे और मकबरे के सामने बना छोटा-सा पानी का कुंड इसकी सुन्दरता को और बढ़ाते हैं।

यह मकबरा वर्गाकार आकार में दो मंजिला इमारत है और इसका निर्माण एक घेरे के बीच में कराया गया था।इस मकबरे का मुख्य द्वार पूर्वी दिशा में है और परिसर में जंगल महल, मोती महल और बादशाह पसंद मंडप स्थित हैं। मकबरे के पास ही एक मस्जिद और पुस्तकालय है।

सफदरजंग का मकबरा का इतिहास - History of Safdarjung Tomb in Hindi

अवध के नवाब मिर्जा मुक़ीम अबुल मंसूर खान को "सफदरजंग" का खिताब प्राप्त था उन्हीं के मकबरे के तौर पर सन् 1753-54 में उनके बेटे शुजा-उद-दौला ने इस स्मारक का निर्माण कराया गया था। सफदरजंग मुगल शासक मोहम्मद शाह के अधीन रहा था।Tourist Place, सफदरजंग का मकबरा पर्यटन स्थल

सफदरजंग का मकबरा मे क्या देखे -

हुमायूं के मकबरे की ही तरह यह मकबरा भी चारबाग़ शैली अर्थात चारों तरफ से बंद एक बगीचे की तरह बना हुआ है। इस शैली में बना यह दिल्ली का आखिरी मकबरा था। कहा जाता है कि मकबरा बनाने के लिए पर्याप्त धन न होने के कारण, निकट के अब्दुल रहीम खान-ए-खाना के मकबरे से पत्थर लेकर इसके निर्माण कार्य को पूर्ण किया गया था।

सफदरजंग का मकबरा सलाह -

  • लोकल और विदेशी यात्रियों के लिए यहाँ अलग-अलग एंट्री फीस है।

  • यह मकबरा हफ्ते के सातों दिन सुबह से शाम तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।

  • मकबरे के अंदर वीडियो कैमरा ले जाने के लिए पच्चीस रूपये किराया लगता है।

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