राजगीर बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित हैं। इस जगह पर भगवान बुद्ध के भस्मावशेष का एक भाग रखा गया है। राजगीर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ भगवान बुद्ध से जुड़े होने के कारण एक अहम तीर्थ स्थान माना जाता है।
राजगीर का इतिहास - History of Rajgir
कहा जाता है कि भगवान बुद्ध का भस्मावशेष 8 भागों में विभाजित किया गया था। वैशाली में हुई खुदाई के दौरान एक भाग लिच्छवी गणराज्य ने हासिल किया, जो आज भी पटना संग्रहालय में स्थित है। यहां स्थित शांति स्तूप पर भगवान बुद्ध ने कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए थे। भगवान बुद्ध के मोक्ष उपरांत बौद्ध धर्मावलंबियों ने प्रथम धार्मिक सम्मेलन वैभारगिरि पर्वत की गुफा में आयोजित किया था, जहां पालि साहित्य की शैली में त्रिपिटक ग्रंथ की रचना की गई थी।
दार्शनिक स्थल - Philosophical Point
प्राचीन बौद्ध पर्यटक स्थल, गृद्धकूट पर्वत, वेणुवन, गर्म जल के झरने, स्वर्ण भंडार और जैन मंदिर यहाँ के दार्शनिक स्थल हैं। राजा बिम्बसार और अजातशत्रु के साथ सान्निध्य के कारण इस स्थान का महत्व और भी बढ़ जाता है।