राजाजी नेशनल पार्क शिवालिक पहाड़ियों में फैला हुआ है जो एक बेहतरीन इकोसिस्टम का नमूना है। राजाजी नेशनल पार्क उत्तराखंड के तीन जिलों "पौड़ी गढ़वाल (Pauri Garwal), देहरादून (Dehradun ) और हरिद्वार (Haridwar)" में फैला हुआ है जिसका कुल क्षेत्रफल 820.42 वर्ग किलोमीटर है।
यह पार्क अपनी सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता के कारण काफी प्रसिद्ध है। यहाँ स्तनधारियों की 23 और पक्षियों की 315 प्रजातियाँ हैं। साथ ही यहाँ एशियाई हाथी, बंगाल टाईगर, तेंदुआ (Leopard), जंगली बिल्ली, भालू आदि भी देखे जा सकते हैं। पार्क के हरे- भरे और खूबसूरत वातावरण की वजह से हर साल लाखों पर्यटक, जैव वैज्ञानिक और प्रकृतिप्रेमी यहाँ घूमने आते हैं।
साल 1983 में उत्तराखंड के तीन अभयारण्यों, "चिल्ला (Chilla), मोतीचूर (Motichur) और राजाजी (Rajaji)" को एक बड़े संरक्षित क्षेत्र में मिला दिया गया। इस पार्क का नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री सी. राजगोपालाचारी (Sri C. Rajgopalachari) के नाम पर रखा गया, जो राजाजी के नाम से जाने जाते थे।
राजाजी नेशनल पार्क को अप्रैल 2015 में उत्तराखंड का दूसरा टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) बना दिया गया। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) उत्तराखंड का पहला टाइगर रिजर्व है।
राजाजी नेशनल पार्क में पर्यटकों के लिए रेस्ट हाउस (Rest House) की व्यवस्था है
पर्यटक यहाँ जंगल सफारी का आनंद उठा सकते हैं
पार्क में घूमते समय सावधानी बरतें और वन्य प्राणियों को क्षति पहुंचाने का प्रयास ना करें
पार्क पर्यटकों के लिए मध्य नवंबर से जून माह के मध्य तक खोला जाता है
पार्क में घूमने के लिए पर्यटक हाथी की सवारी या जीप की सवारी कर सकते हैं, जिसके लिए अलग से शुल्क लिया जाता है
यहाँ के बारे में अधिक जानकारी के लिए गाइड की सहायता ली जा सकती है
पार्क में घूमने का समय सुबह 6 से बजे से लेकर 9 बजे तक और शाम तीन बजे से लेकर 6 बजे तक है