कुल्लू के प्राकृतिक खजाने का एक नगीना है ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क। यह पार्क 1,171 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और यहां समशीतोष्ण एवं एलपाइन वन पाए जाते हैं। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में आकर्षण का केन्द्र है हिमालय के भूरे भालू। इसके अलावा यहां कस्तूरी मृग, बर्फीला तेंदुआ, मोनाल, कोकलास सहित पशु-पक्षियों की कुल तीन सौ प्रजातियां पाई जाती हैं। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त है। यहां पशुओं की कई ऐसी प्रजातियां मौजूद है जो विश्व में खत्म होने वाली हैं।
पहली बार 1984 में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की सीमाएं निर्धारित की गई और इस पूरे क्षेत्र को संरक्षित घोषित किया गया। इसके बाद समय-समय पर पार्क के पूरे क्षेत्र को बढ़ाया गया। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को 1999 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था। मार्च 2012 में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को विश्व धरोहर के लिए नामांकित किया था जिसे वर्ष 2014 में यूनेस्को द्वारा मान्यता दे दी गई।
एक अनुमान के अनुसार यहां सांपों की 12 और पक्षियों की तीन ऐसी प्रजातियां हैं जो विश्व में खत्म होने के कगार पर हैं। इन्हें रेड डाटा बुक में विलुप्त प्रजाति में घोषित किया जा चुका है।
पार्क में जाने, फोटो खींचने आदि के लिए शुल्क लगता है
पार्क में बने ट्रैक को नुकसान पहुंचाना वर्जित है
पार्क का मौसम सर्द होता है इसलिए गर्म कपड़े साथ रखने चाहिए
यात्रा के दौरान पहचान पत्र साथ रखने चाहिए