विशिष्ट द्रविड़ शैली से निर्मित रंगनाथ जी का विशाल मंदिर (Sri Ranganatha Temple) मथुरा के वृंदावन में स्थित है, ये भगवान विष्णु को समर्पित है। श्री रंगनाथ मंदिर अपने अद्भुत परिसर और उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए काफी प्रसिद्ध है। मंदिर के राजसी गोपुरम छह मंजिला ऊंचा है जिसे दूर से ही देखा जा सकता है। मंदिर के परिसर में पचास फीट ऊंचा स्तंभ स्थित है जिसे ध्वज स्तंभ कहा जाता है। मंदिर में भगवान विष्णु के साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा भी होती है। मंदिर में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है ब्रह्मोत्सव, जिसे रथ का मेला भी कहा जाता है। यह दस दिन तक मनाया जाता है।
वृंदावन में स्थित, रंगनाथ मंदिर का निर्माण सेठ राधाकृष्ण और गोविंद दास द्वारा करवाया गया था। इसका निर्माण कार्य साल 1845 में शुरू हुआ और साल 1851 में ये मंदिर बनकर तैयार हो गया। इस मंदिर को बनवाने की प्रेरणा सेठ को उनके गुरु ने दी थी।
मंदिर में मौजूद विष्णु के रूप रंगनाथ जी को प्रतिदिन लड्डुओं का भोग अवश्य लगाया जाता है। इसके पीछे एक विशेष कारण है, कहा जाता है कि मंदिर में जब पूजा शुरू की गई उसके कुछ दिन पश्चात राजा को स्वप्न में एक बालक और बालिका दिखाई दिए जिन्होंने उनसे मंदिर में लड्डू का भोग लगाने को कहा और अपना परिचय गोदा रंगनाथ के रूप में दिया। तब से आज तक इस मंदिर में लड्डुओं का भोग जरूर लगाया जाता है।
श्रद्धालु सुबह 5.30 बजे से 10:30 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक मंदिर में दर्शन कर सकते हैं
विशेष त्यौहार के दौरान यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक हो जाती है इस बीच मंदिर का दृश्य भी अद्भुत होता है
मंदिर में विशेष पूजा अर्चना करवाने के लिए पुरुष को धोती और स्त्री की साड़ी पहनना पड़ता है