सहेलियों की बाड़ी उदयपुर के बारे में जानकारी- City palace udaipur in Hindi

सहेलियों की बाड़ी उदयपुर के बारे में जानकारी- City palace udaipur in Hindi

उदयपुर (Udaipur) शहर में स्थित, सहेलियों की बाड़ी एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल (Saheliyon ki Bari Tourist Place) है। फ़तेह सागर झील के पास बने इस बाग़ में सुंदर पेड़-पौधे और संगीतमय फव्वारा  (musical fountain) इसकी शोभा में चार चांद लगाता है।

फूलों की क्यारियाँ, बाग़ के चार तरफ़ काले संगमरमर की मूर्तियाँ और यहाँ का हर ताल कमल के फूलों के सुसज्जित है। फव्वारों पर हंस और फूलों की अद्भुत कारीगरी की गई है जिसके चारों ओर चार शेरों की मूर्तियाँ हैं। ताल के किनारों पर सफ़ेद संगमरमर से बनी हाथियों की चार मूर्तियाँ हैं जिनकी सूंड से पानी निकलकर कमल के फूलों पर गिरता है, जिसकी बूँदें चमकते मोतियों के सामान नज़र आती हैं।

यहाँ की साज-सज्जा और आसपास के सुंदर वातावरण को देखकर हर पर्यटक उस वक्त की महिलाओं के राजसी ठाट-बाट का अनुमान लगा सकता है।

सहेलियों की बाड़ी का इतिहास - History of Saheliyon ki Bari in Hindi

इस बाग़ का निर्माण उदयपुर के महाराजा संग्राम सिंह ने अपने परिवार की रानियों व उनकी सहेलियों के मनोरंजन के उद्देश्य से 18वीं सदी में करवाया था। कहा जाता है कि यह बाग़ उदयपुर की राजकुमारी को 48 दासियों के साथ दहेज़ में दिया गया था।

सहेलियों की बाड़ी मे क्या देखे -

यहाँ के फव्वारों के लिए पानी फतेहसागर झील से आता है और इसके लिए किसी भी तरह की बिजली या पंप का प्रयोग नहीं किया गया, फव्वारों तक पानी गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत के माध्यम से पहुँचता है।

सहेलियों की बाड़ी सलाह -

  • यह स्थल पर्यटकों के लिए सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है
  • यहाँ प्रवेश शुल्क भी लिया जाता है
  • बाग़ के अन्दर एक संग्रहालय भी है

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in