अस्थल बोहर रोहतक-दिल्ली रोड पर शहर से लगभग 6-7 किमी पूर्व में स्थित है। यह स्थान एक मठ के रुप में जाना जाता है। यहां प्राचीन पत्थरों से बनाई गई सुन्दर मूर्तियां रखी गई हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, गुरु गोरखनाथ के शिष्य पूरन भगत यहां आए थे तथा उन्होंने इस मठ की स्थापना करवाई थी। इस मठ की अवहेलना करने के पश्चात सन् 1791 में इसका संशोधन किया गया था और फिर बाबा मस्तनाथ यहां आए थे। अब मठ द्वारा आयुर्वेदिक डिग्री कॉलेज, व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, नि:शुल्क अस्पताल, इंजीनियरिंग कॉलेज और अन्य संस्थान चलाये जा रहे हैं।