मसूरी का प्रमुख बाज़ार है द माल (The Mall)। पर्यटक यहाँ खरीदारी और सैर-सपाटे दोनों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। मसूरी शहर का दिल कहलाये जाने वाला द माल दो बाज़ारों को जोड़ता है- पूर्व में कुलरी बाज़ार और पश्चिम में लाइब्रेरी चौक। यहाँ से पर्यटक खान-पान, कपड़े, जूते, हस्तनिर्मित वस्तुएं, कैंडल्स और कई अन्य उपहार खरीद सकते हैं। इस माल रोड पर शहर का पर्यटक कार्यालय (Tourist office), तिब्बती वस्तुओं और गर्म कपड़ों की दुकानें भी स्थित हैं।
मसूरी के माल रोड से हिमालय और दून घाटी के मनोरम दृश्य भी दिखाई देते हैं। गर्मियों के मौसम में धुंध छटने पर, पर्यटक यहीं से केदारनाथ, बद्रीनाथ और नन्दा देवी की चोटियां आसानी से देख सकते हैं। मसूरी की दूसरी ऊँची चोटी गन हिल तक जाने के लिए केबल कार भी माल रोड से ही मिलती है।
मसूरी शहर की स्थापना जब कैप्टन यंग ने सन् 1825 में की थी तब शहर का माल रोड अंग्रेज़ों के खाने-पीने और खरीदारी के लिए बनाया गया था। यहाँ कुछ ब्रिटिश अधिकारियों और नौकरों के घर भी बनाए गए थे। आज भी ब्रिटिश वास्तुकला और शैली में बने कई घर यहाँ मौजूद हैं।
ब्रिटिश काल में भारतीयों के यहाँ जाने की मनाही थी। अंग्रेजों द्वारा बनाये गए इस नियम के विरुद्ध मोतीलाल नेहरु हमेशा द माल जाया करते थे हालाँकि पकड़े जाने पर वे भुगतान भी करते थे।
मसूरी शहर में समर और विंटर फेस्टिवल का आयोजन माल रोड पर ही किया जाता है। जिनमें पर्यटकों को यहाँ की संस्कृति, परंपरा, स्थानीय खान-पान व वस्तुओं का अनुभव करने का मौका मिलता हैं। माल रोड पर 1980 के दशक में बने गेम पार्लर व स्केटिंक रिंग भी है।
कुछ भी खरीदते समय मोलभाव (Bargaining) जरूर करें
पॉलिथीन का प्रयोग न करें
अपनी पहचान पत्र अपने पास रखें
द माल, नो पार्किंग (No Parking) क्षेत्र है, यहाँ गाड़ी खड़े करने पर भुगतान करना पड़ सकता है
प्रकृति का असली आनंद लेना चाहते हैं तो पोनी या घोड़े की जगह पैदल चलें