इडुक्की जिले के करीब 97 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान (Eravikulam National Park)। इस राष्ट्रीय उद्यान की पूरी जिम्मेदारी केरल के वन और वन्य जीव विभाग की है। यह पार्क दो अभयारण्य से जुड़ा हुआ है पहला चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य और इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य। कोर, बफर और पर्यटन तीन भागों में विभाजित इस पार्क में पर्यटक केवल पर्यटन भाग का ही आनंद उठा सकते हैं। आज यह उद्यान 132 प्रकार की चिड़ियों और 26 तरह के स्तनधारियों का रक्षा स्थल है।
एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान 1971 तक कन्नन देवन हिल निर्माण कंपनी के पास था। 1971 में यह क्षेत्र केरल सरकार के हाथ में आ गया। 1975 में सरकार ने लुप्त होते नीलगिरि तार (Nilgiri tahr) को संरक्षित करने के लिए इस क्षेत्र को राजमाला वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद 1978 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान की खास बात यह है कि इसका मुख्य भाग एक ऊंचा गोल पठार है जो कि धरती से 2000 मीटर ऊंचा है। इसके अलावा यह क्षेत्र भारत के जैव विविध क्षेत्रों की सूची में शामिल है। 1971 से पहले इस क्षेत्र को ब्रिटिश शासन काल में कुनैन और कॉफी उगाने के लिए प्रयोग किया जाता था।
एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान (Eravikulam National Park) में जनवरी-फरवरी और मानसून के मौसम में पर्यटकों के आने की मनाही होती है क्योंकि यह समय जानवरों का प्रजनन काल माना जाता है
एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान सुबह आठ बजे से लेकर शाम के केवल साढ़े चार (4.30) तक ही खुला रहता है