श्री सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई (Shree Siddhivinayak Temple, Mumbai) के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसमें गणेश दर्शन स्थल के अलावा प्रवचन ग्रह, गणेश संग्रहालय, रसोईघर और अस्पताल भी है। मंदिर के अंदर कई लंबी गैलरियां बनाई गई हैं ताकि भक्त बिना किसी धक्का- मुक्की के “बप्पा” के सुखद दर्शन कर सकें। मंदिर में स्थित गणेश प्रतिमा पर सुंदर चांदी का छत्र है और मंदिर में बड़े-बड़े मूषकों (भगवान गणेश के वाहन) की मूर्तियाँ हैं। इस मंदिर का अष्टभुजी गर्भगृह करीब 13 फीट ऊंचा और 10 फीट चौड़ा बनाया गया है ताकि भक्तों को बप्पा के दर्शन में कोई कष्ट न हो। मंदिर के गर्भगृह में लोगों के जाने के लिए तीन द्वार हैं, जिन पर अष्टलक्ष्मी, अष्टविनायक और दशावतार का चित्र बना है।
वैसे तो श्री सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण बहुत पुराना माना जाता है लेकिन सरकारी दस्तावेजों के अनुसार यह मंदिर 19 नवंबर 1801 में बना था। इस मंदिर का निर्माण देउबाई पाटिल और लक्ष्मण विट्ठु द्वारा किया गया था। इस मंदिर का आधिकारिक नाम "श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर" (Shree Siddhivinayak Ganapati Temple, Prabhadevi) है। 1801 के बाद इस मंदिर की इमारत में समय- समय पर बदलाव होते रहे हैं। यह मंदिर पहले बहुत ही छोटा था परंतु महाराष्ट्र सरकार द्वारा जमीन देने के बाद इस मंदिर को पांच मंजिला बना दिया गया है।
श्री सिद्धिविनायक मंदिर को मुंबई का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है। इसके अलावा इस मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां एक अस्पताल बनाया गया है जहां लोगों का मुफ्त में इलाज किया जाता है। मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में स्थापित मूर्ति भी बेहद खास है। मान्यतानुसार भगवान गणेश की बाईं तरफ मुड़ी सूंड वाली मूर्तियों की अधिक पूजा की जाती है लेकिन मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश जी की जो प्रतिमा है, वह दाईं ओर मुड़ी सूंड वाली है।