लखनऊ शहर में स्थित 60 फीट ऊँचे रूमी दरवाज़े का निर्माण नवाब आसिफुद्दौला के शासनकाल (1784-86) में करवाया गया था। इस दरवाज़े को तुर्की दरवाज़ा भी कहा जाता है। मुग़लकालीन स्थापत्य कला के इस बेजोड़ नमूने में कहीं भी लकड़ी व लोहे का इस्तेमाल नहीं हुआ है। दरवाज़े के सबसे उपरी भाग पर आठ छतरियां इसके आकर्षण को और बढ़ाती हैं। रूमी दरवाज़े को पुराने लखनऊ शहर का प्रवेशद्वार माना जाता था। यह दरवाज़ा बड़े इमामबारे के समीप ही है।