उदयपुर (Udaipur) शहर के, सिटी पैलेस (City palace) को राज्य के सबसे बड़े महलों में गिना जाता है। पिछोला झील के किनारे, सफ़ेद संगमरमर से बना यह महल प्राचीन स्थापत्य कला में रुचि रखने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस महल में मुगल तथा राजस्थानी वास्तुकला का अनोखा मिश्रण दिखाई देता है। महल का प्रवेश द्वार बहुत बड़ा है जिसे "ग्रेट गेट" भी कहा जाता है।
महल परिसर में एक जगदीश मंदिर भी है। यहाँ एक भाग सिटी पैलेस संग्रहालय का है जिसे अब सरकारी संग्रहालय घोषित कर दिया गया है। सिटी पैलेस की भव्यता और विशालता देख हर कोई आश्चर्यचकित और उत्सुक हो उठता है। मोती महल, शीश महल, दिकुषा महल, बड़ा महल, रंग भवन आदि हर एक वस्तु और जगह में उस वक़्त का राजसी माहौल स्पष्ट झलकता है। महल की बनावट मध्युगीन, यूरोपियन और चीनी शैली का मिश्रण है।
सिटी पैलेस की स्थापना 16वीं शताब्दी में आरम्भ हुई। इसे स्थापित करने का विचार एक संत ने राजा उदयसिंह को दिया था। वैसे तो इस किले का निर्माण कार्य महाराजा उदयसिंह ने शुरू करवाया था लेकिन आज की यह भव्य इमारत उनके साथ-साथ उनके वंशजों के योगदान का भी परिणाम है। कहा जाता है कि इस महल को बनाने में करीब 22 राजाओं का हाथ है।
महल के शम्भुक निवास में आज भी राजपरिवार रहता है।