दिल्ली का जंतर-मंतर के बारे में जानकारी - Jantar Mantar Delhi in Hindi

दिल्ली का जंतर-मंतर के बारे में जानकारी - Jantar Mantar Delhi in Hindi

भारत की राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित स्थापत्य कला का अद्वितीय नमूना 'जंतर मंतर' (Jantar Mantar) यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। सूर्य, चन्द्रमा, तारे, ग्रहों की स्थिति, समय, वर्ष आदि की सटीक जानकारी के लिए इस वेधशाला (Observatory) का निर्माण किया गया था।

महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित इस वेधशाला में 13 खगोलीय यन्त्र हैं जिनके माध्यम से ग्रहों की चाल का अध्ययन किया जाता है। यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की उत्कृष्ट मिसाल है। दिल्ली का जंतर-मंतर समरकंद की वेधशाला (Samarkand observatory, Uzbekistan) से प्रेरित है।

जंतर मंतर के प्रमुख यंत्रों में सम्राट यंत्र (Samrat Yantra, Jantar Mantar) है जो सूर्य की सहायता से समय और ग्रहों की स्थिति की जानकारी देता है। मिस्र यंत्र वर्ष के सबसे छोटे ओर सबसे बड़े दिन को नाप सकता है। राम यंत्र और जय प्रकाश यंत्र खगोलीय पिंडों की गति के बारे में बताता है।

जंतर मंतर का इतिहास - History of Jantar Mantar in Hindi

जंतर मंतर का निर्माण सन् 1724 में जयपुर के महाराजा जय सिंह द्वारा करवाया गया था। एक निपुण सम्राट और सिपाही होने के साथ ही महराजा जय सिंह कुशल ज्योतिषी भी थे, बचपन से ही उनकी विज्ञान और गणित में रुचि थी। महाराजा जय सिंह ने ऐसी ही अन्य वेधशालाओं का निर्माण उज्जैन, वाराणासी, मथुरा और जयपुर शहर में भी कराया था।

जंतर-मंतर को बनवाने में करीब 6 साल लगे और सन् 1730 में यह बनकर तैयार हुआ। एक फ्रेंच लेखक 'दे बोइस' के अनुसार राजा जयसिंह खुद अपने हाथों से यंत्रों के मोम के मॉडल (Wax model) तैयार करते थे।

जंतर मंतर मे क्या देखे -

यहाँ स्थित सम्राट यन्त्र के माध्यम से 1 सेकंड से भी कम समय में सही वक़्त की गणना की जा सकती है।

जंतर मंतर सलाह -

  • भारतीय व विदेशी दोनों पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क अलग-अलग है

  • यह स्थल सूर्योदय से सूर्यास्त तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है

  • जंतर मंतर के निकट स्थित जनपथ मार्किट और कनॉट प्लेस, खरीदारी और खाने-पीने के अच्छे विकल्प हैं

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