प्राचीनकाल में बरन, कोटा शहर का एक हिस्सा हुआ करता था, लेकिन सन् 1991 में बरन को राजस्थान के शहर के रूप में मान्यता दी गयी। यह शहर कम शोर वाला तथा कई आकर्षित स्थलों से भरा हुआ है। इस शहर में 14वीं से 15वीं सदी के बीच सोलंकी राजपूतों का शासनकाल हुआ करता था। यहां के स्थानीय निवासी आम बोल-चाल में हिन्दी भाषा का भी प्रयोग करते हैं लेकिन यहां की मुख्य बोली हड़ौती है। बरन में घूमने के लिए पर्यटकों के लिए शेरगढ़ किला, शाहबाद किला, नाहरगढ़ किला, मणिहारी महादेव मंदिर, ब्राह्मणी माता जी मंदिर, शेरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य आदि स्थल हैं।
बरन जाने के लिए निकटतम एयरपोर्ट जयपुर हवाई अड्डा है। बरन रेलवे स्टेशन से भी बरन पहुंचा जा सकता है तथा पर्यटक अजमेर, जयपुर, कोटा, दिल्ली, उज्जैन, जोधपुर, बस सेवा से बरन पहुंच सकते हैं।
बरन की यात्रा करने के लिए उपयुक्त समय फरवरी से अक्टूबर तक का माना गया है।