अनाजी चौहान द्वारा अना सागर झील को बनवाकर तैयार करवाया गया था, जो लगभग तेरह किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई है। इस झील में स्नान करने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। इस झील में पानी इकट्ठा करने का कार्य यहां के स्थानीय निवासियों के द्वारा किया गया था, जिसे 1135 ई. से 1150 ई. के दौरान पूरा किया गया। इस झील को और अधिक मनोरंजित करने के लिए पर्यटकों के लिए नाव, पानी स्कूटर का भी इंतज़ाम किए गये हैं।